पिछले कुछ वर्षों में सीमा पर तनाव के कारण भारत और चीन के रिश्ते शीतल पड़ गए थे, लेकिन अब सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। हाल ही में चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। यह बयान कजान में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद आया है, जो दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम प्रतीत हो रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पांच साल बाद औपचारिक मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के उपायों पर सहमति व्यक्त की।
प्रमुख बिंदु:
सीमा विवाद का समाधान: दोनों देशों ने लद्दाख क्षेत्र में सैन्य गतिरोध को कम करने और गश्त व्यवस्था को पुनः स्थापित करने पर सहमति जताई। शी जिनपिंग ने शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई
व्यापार और वैश्विक जिम्मेदारी: शी जिनपिंग ने भारत-चीन के बीच सहयोग को बढ़ाने की बात कही, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर शांति को मजबूत संबंधों के लिए अनिवार्य बताया।
गलवान के बाद पहली बैठक: 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद यह पहली औपचारिक वार्ता थी, जो लगभग एक घंटे तक चली। इसमें वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा हुई
इस बातचीत को सीमा विवाद के समाधान और क्षेत्रीय स्थिरता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है